नकली रेमडिसिविर इंजेक्शन मामला: कोटद्वार के फैक्ट्री मालिक ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ दी तहरीर
कोटद्वार। कोरोना बीमारी में जीवनदायिनी रेमडिसिविर इंजेक्शन की नकली खेप के साथ सात लोगों की गिरफ्तारी की सनसनी खेज खबर में कोटद्वार सिडकुल स्थित एक फैक्ट्री में छापेमारी कर फैक्ट्री मालिक द्वारा दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के खिलाफ जांच करने की मांग को लेकर उत्तराखंड की कोटद्वार पुलिस को तहरीर दी है।
कोटद्वार में सिगड्डी ग्रोथ सेंटर स्थित नैक्टर हब्र्स एंड ड्रग्स के स्वामी विशाद कुमार की ओर से दिल्ली पुलिस के खिलाफ एक तहरीर कोटद्वार कोतवाली में दी गई है। इसमें दिल्ली पुलिस पर उनकी फैक्ट्री को जबरन झूठे मुकदमे में फंसाने का आरोप लगाया गया है। दिल्ली पुलिस ने मामले में सात व्यक्तियों को गिरफ्तार भी किया। शुक्रवार सुबह दिल्ली पुलिस की टीम कोटद्वार में सिगड्डी ग्रोथ सेंटर स्थित नैक्टर हब्र्स एंड ड्रग्स फैक्ट्री में पहुंची और फैक्ट्री की तलाशी ली। इस दौरान कोटद्वार कोतवाली पुलिस भी मौके पर मौजूद रही। तलाशी के दौरान पुलिस ने फैक्ट्री स्वामी से भी पूछताछ की। तलाशी में फैक्ट्री से न तो रेमेडीसीवर इंजेक्शन मिले और न ही इससे संबंधित कोई लेबल मिले। करीब छ: घंटे बाद पुलिस टीमें वापस लौट गई। शनिवार को मामले में नया मोड़ आ गया।
फैक्ट्री स्वामी विशाद कुमार की ओर से दिल्ली पुलिस के खिलाफ एक तहरीर कोटद्वार कोतवाली की कलालघाटी चौकी में दी गई है। तहरीर में कहा गया है कि 28 अप्रैल की सुबह दिल्ली पुलिस की टीम ने उन्हें फोन कर फैक्ट्री में बुलाया। टीम अपने साथ एक व्यक्ति को लेकर आई थी। विशाद कुमार का कहना है कि टीम को फैक्ट्री में नकली इंजेक्शन नहीं मिले। 29 अप्रैल को पुन: दिल्ली पुलिस ने उन्हें फोन कर फैक्ट्री के कुछ वीडियो भेजने को कहा। जिस पर उन्होंने फैक्ट्री कर्मचारी केशव से वीडियो बनवा कर दिल्ल्ी पुलिस को भेज दिया, जो कि टीवी चैनलों में दिखाए गए। तहरीर में कहा गया है कि 30 अप्रैल की सुबह दिल्ली पुलिस आदित्य गौतम को लेकर उनकी फैक्ट्री में पहुंची। बताया कि आदित्य ने अपने तीन साथियों के साथ उनकी फैक्ट्री मई 2019 में लीज पर ली थी, लेकिन वह कर्मियों को वेतन, बिजली का बिल व जीएसटी नहीं दे रहा था। इस कारण करीब छ: माह पूर्व उसने फैक्ट्री छोड़ दी।
पुलिस क्षेत्राधिकारी अनिल जोशी ने बताया कि फैक्ट्री मालिक विशाद की ओर से दी तहरीर के आधार पर जांच दिल्ली पुलिस के अधिकारी ही करेंगे। यह मामला दिल्ली पुलिस से जुड़ा होने के कारण उनके उच्चाधिकारी ही इस संबंध में जांच करेंगे। दिल्ली पुलिस के उच्चाधिकारियों को यह तहरीर उचित माध्यम से भेजी जाएगी।
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