डर को दूर कर कोरोना से जंग जीतने को दिखानी होगी जिंदादिली

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कोटद्वार। कोरोना संक्रमण काल में लोगों के अंदर बैठा डर ही कोरोना से जंग जीतने में आड़े आ रहा है। हैजा आया, स्वाइन फ्लू आया, मलेरिया आया और बड़ी-बड़ी बीमारियां आई हैं। इन सभी बीमारियों को देश की जनता ने झेला है। अब कोरोना माहमारी आयी है। जिसने सबको डराकर रख दिया है, पर इन बीमारी से जिंदा दिल व्यक्ति ही जीत सकता है, बुझदिल व्यक्ति इन बीमारियों से जीत नहीं सकता है। इसलिए डर को दूर कर कोरोना की जंग को घर बैठकर एक-दूसरे में जागरूकता फैलाते हुए जीता जा सकता है। दरअसल, देश में आए दिन नई-नई बीमारियां जन्म ले रही है। धीरें-धीरें सभी बीमारियों से लड़ने के लिए इलाज भी चिकित्सक ढूंढ लेते हैं। किसी बीमारी से डरना ही हम सभी को मौत के मुंह की ओर ले जाता है। देश में हैजा, स्वाइन फ्लू, प्लेग, मलेरिया जैसी बड़ी-बड़ी बीमारियों ने जन्म लिया। जिसका लोेगों ने मुकाबला करते हुए सभी बीमारियों से जंग जीती है। अब कोरोना के डर को मन से समाप्त कर उसे हराने के लिए फिर से जंग लड़ने की तैयारी करनी होगी। देश के लोग जंग तभी जीत सकते हैं, जब डब्ल्यू एच ओ की ओर से जारी की गई गाइडलाइन का पालन करें। केंद्र और प्रदेशों की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन करें। आज कल सोशल साइटस व्हाट्सअप और फेसबुक के जरिए देखा जा रहा है कि कैसे पुलिस और प्रशासन लोगों को घर में बैठाने के लिए किस तरह से सख्ती दिखा रहा है। पुलिस कई स्थानों पर लोगों को मास्क पहनने के लिए जागरूक भी कर रही है और घर से बिना मास्क पहने बाहर निकलने वालों के खिलाफ चालानी कार्यवाही भी कर रही है। यदि हम सभी लोगों को इस सख्ती की जरूरत ही न पड़े तो हम इस जंग को घर बैठकर ही जीत सकते हैं। देश के वरिष्ठ चिकित्सकों का कहना है कि जरूरत पड़ने पर ही हॉस्पिटलों की ओर रूख करें। चिकित्सकों का कहना है कि सांस की परेशानी होने पर या फिर आक्सीजन लेवल कम होने पर हॉस्पिटलों की ओर रूख करें। यदि किसी भी व्यक्ति को कोरोना माहमारी के लक्षण महसूस होते हैं तो घर में आइसोलेट रहकर भी इस बीमारी से लड़ा जा सकता है। यदि सरकारी आंकड़ों की ओर जाए तो पिछले कुछ दिनों में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ी है, उसी तरह कोरोना संक्रमित हजारों लोग कोरोना से जंग जीतकर वापस भी आए हैं। इस जंग को जीतने के लिए सभी को जनजागरूकता फैलाना जरूरी है। क्योंकि घर में बैठकर ही इस बीमारी का मुकाबला किया जा सकता है।

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