80 वर्ष के बुजुर्ग से 12 सालों से थे अवैध संबंध, पति के लिए​ बनाया अश्लील वीडियो, पूछताछ में गीता चौधरी ने बताया..

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देहरादून। देहरादून के अस्सी साल के रिटायर्ड प्रिंसीपल श्यामलाल की हत्या अवैध संबंधों के चलते की गई थी। पुलिस ने हत्या करने वाली गीता चौधरी और उसकी के पति हिमांशु चौधरी निवासी रुडकी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का दावा है कि बुजुर्ग श्यामलाल के गीता से पिछले 12 सालों से अवैध संबंध थे और इसी कारण वो अपने पहले पति से अलग रह रही थी। यही नहीं दूसरे पति हिमांशु चौधरी की पढ़ाई पूरा कराने के लिए गीता ने बुजुर्ग श्यामलाल का अश्लील वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल करना चाहा, लेकिन कमरे में अश्लील वीडियो बनने का श्यामलाल को अहसास हो गया जिसके बाद दोनों ने मिलकर श्यामलाल की हत्या कर दी।

पढ़िए गीता का कबूलनामा
पूछताछ में अभियुक्ता गीता द्वारा बताया गया कि मृतक श्याम लाल से विगत 12 वर्षों से उसके अवैध सम्बन्ध थे, जिसके चलते वह पिछले 03 सालों से अपनी पुत्री के साथ अपने पहले पति से अलग रह रही थी। मई 2024 में उसने अभियुक्त हिमांशु चौधरी से मंदिर में शादी की थी। अभियुक्त हिमांशु चौधरी देहरादून से एमबीबीएस की पढाई कर रहा था तथा बार-बार ड्राप आउट होने के कारण उसकी पढाई पर काफी खर्चा हो गया था। पैसों की तंगी को पूरा करने के लिये दोनो दम्पत्ति अभियुक्तों ने मृतक श्यामलाल की अभियुक्ता गीता के साथ अश्लील वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल कर उससे पैसा ऐंठने की योजना बनाई।

योजना के मुताबिक अभियुक्तों ने किशन नगर एक्स्टेंशन में अपने किराये के कमरे से थोडी दूरी पर एक अन्य कमरा किराये पर लिया और 2 फरवरी को अभियुक्ता गीता ने मृतक श्याम लाल को फोन कर किराये पर लिये गये दूसर कमरे पर बुलाया गया, जहां अभियुक्त हिमांशु चौधरी पहले से ही मौजूद था, जो छिपकर दोनों की अश्लील वीडियो बनाने की फिराक में था। कमरे में पहुंचने के बाद मृतक श्यमालाल को दोनो अभियुक्तों की योजना की भनक लगने पर वो जोर-जोर से हल्ला करने लगा। इस दौरान अभियुक्तों ने उसे बांधकर उस पर काबू करने का प्रयास किया गया परन्तु मृतक श्यामलाल के लगातार जोर-जोर से चिल्लाने पर दोनों अभियुक्तों ने उसका मुंह बन्द कर दिया और गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।

दो दिन बाद श्यामलाल के हाथ पैर काटे
हत्या के पश्चात अभियुक्तों द्वारा मृतक के शव को उक्त कमरे में ही छोड दिया तथा घटना के अगले दिन अभियुक्ता गीता द्वारा उक्त घटना की जानकारी देते हुए अपने भाई अजय को तथा दिनांक: 04-02-25 को अपने बहनोई धनराज चावला को देते हुए उन्हें देवबंद सहारनपुर से देहरादून बुलाया। चूकिं अभियुक्त हिमांशु एमबीबीएस की पढाई कर रहा था, तो उसे जानकारी थी कि शव को एक दो दिन रखने के बाद शरीर में खून जम जाता है तथा उसे काटने पर शरीर से खून नहीं निकलता है, जिस पर अभियुक्त हिमांशु चौधरी द्वारा अन्य अभियुक्तों के साथ मिलकर मृतक श्यामलाल के शव के अलग-अलग टुकडे कर उन्हें रस्सी से बांधकर प्लास्टिक के अलग-अलग कट्टों में डाल दिया तथा अभियुक्त धनराज चावला द्वारा लाये गये वाहन में घरेलू सामान के साथ रखकर देहरादून से देवबंद ले गये तथा शव को देवबंद में साखन की नहर में फेंक दिया।

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