सरकार की यू कोट वी पे योजना का जिला अस्पताल में उड़ाया जा रहा मजाक, लाखों में डॉक्टर की सैलरी, मरीजों को नहीं मिल रहा इलाज
–मामला सुर्खियों में रहने वाले हरिद्वार के जिला अस्पताल का
-डॉक्टर के 11 महीने के समय में 10 महीने होने को है पूरे
-सर्जन को ओटी में जिला अस्पताल नही उपलब्ध करा पाया चिकित्सीय उपकरण
हरिद्वार। जनपद हरिद्वार का हर मिलाप मिशन जिला अस्पताल अपनी कमियों के लिए हमेशा सुर्खियों में रहता है। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार को लेकर प्रदेश सरकार ने यू कोट वी पे योजना के तहत अस्पतालों में लाखों की सैलरी के साथ डॉक्टरों की तैनाती तो कर दी, लेकिन चिकित्सीय उपकरण के अभाव में सरकारी अस्पताल सरकार के स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करने के उद्देश्य को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। जिससे सरकार को हर माह लाखों का चूना लग रहा है। अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के चलते मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों की ओर रुख करना पड़ रहा है।
दरअसल, जिला अस्पताल हरिद्वार को सुर्खियों बटोरने की आदत सी बन गई है। जनपद हरिद्वार में जब भी स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही की बात आती है तो सबसे ऊपर जिला अस्पताल हरिद्वार का नाम रहता है। सरकार की ओर पिछले वर्ष यू कोट वी पे योजना के तहत जिला अस्पताल हरिद्वार में एक सर्जन की तैनाती की गई थी। 11 माह के समय में 10 माह पूरे होने को है, लेकिन सर्जन को अस्पताल प्रशासन अपने ढुलमुल रवैया के चलते (वॉइस ट्रॉली) मशीन तक उपलब्ध नहीं करा पाया। जिला अस्पताल में तैनात सर्जन डॉ. सुरेश वशिष्ठ ने बताया कि जिला अस्पताल में तैनाती होने के बाद ही अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर में मशीनों की कमियों की जानकारी दी गई थी, 10 माह का समय पूरा होने के बाद भी मशीनें उपलब्ध नहीं कराई गई है। जिसके चलते पथरी से संबंधित (पित की थैली) आपरेशन नहीं हो पाए हैं। पथरी से संबंधित आपरेशन के लिए आने वाले मरीजों को हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है। जिला अस्पताल हरिद्वार के कार्यवाहक सीएमएस डॉक्टर विकास दीप ने बताया कि वॉइस ट्रॉली को आज ठीक कर लिया गया है, यह चिकित्सीय उपकरण पिछले में माह से खराब चल रही थी।
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