खुल गया हरिद्वार निगम के पोल का झोल, निरस्त हुआ टेंडर, सालों के राजस्व के नुकसान का कौन जिम्मेदार?

खबर डोज, हरिद्वार। जमीन घोटाले से सुर्खियों में आया नगर निगम हरिद्वार एक बार फिर चर्चाओं में है। इस बार मामला विज्ञापन पोल लगाने में हुई अनियमितताओं का है। वार्ड नंबर 19 से पार्षद पद की प्रत्याशी रही आयुषी टंडन ने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि शहर में नई रेड लाइटों को लगाने के नाम पर दिए गए टेंडर में बड़े स्तर पर गड़बड़ी की गई है।

आयुषी टंडन ने बताया कि वर्ष 2022 में शहर में नई रेड लाइटों को दुरुस्त कराने का काम एन टॉप (मिडास) कंपनी को सौंपा गया था। इस योजना के तहत कंपनी को विज्ञापन पोल लगाने की अनुमति भी दी गई थी, ताकि विज्ञापन से होने वाली आय से परियोजना की लागत की भरपाई हो सके। लेकिन, शहर में विज्ञापन पोल तो तेजी से लगा दिए गए, जबकि नई रेड लाइटें लगाई गई, पर बिलों का भुगतान नहीं हुआ है।

उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी ने रेड लाइटें तो लगाई, लेकिन उनकी मेंटिनेंस नहीं की गई। नजरअंदाज कर केवल विज्ञापन पोल बढ़ाने पर ही ध्यान दिया। इससे नगर निगम को प्रतिमाह लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। आयुषी टंडन ने इसे स्पष्ट आर्थिक हानि और प्रशासनिक लापरवाही बताते हुए निगम के अधिकारियों से कड़ी कार्रवाई की मांग की।

सूत्रों के मुताबिक इस पूरे प्रकरण में निगम के कई लोग भी शामिल हैं, जो इन सब पर पर्दा डाले हुए हैं। यदि मामले में किसी अन्य विभाग से जांच कराई जाए तो एक बड़े खेल का खुलासा होगा।
इधर, आधिकारिक सूत्रों के अनुसार नगर निगम प्रशासन ने मामले की जांच कराई, जिसमें कई खामियां सामने आईं। जांच रिपोर्ट के आधार पर नगर निगम ने यह टेंडर निरस्त करने का निर्णय ले लिया है। बताया जा रहा है कि टेंडर निरस्तीकरण का आदेश जल्द ही जारी कर दिया जाएगा।

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