खुद बीमार पड़ा है ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल, कैसे करेगा मरीज का इलाज
-रेडियोलॉजिस्ट नहीं है, अल्ट्रासाउंड पांच साल तो एक्सरे मशीन नहीं है एक साल से ठीक
-अस्पताल प्रशासन ने बिल्डिंग के खस्ताहाल के लिए उत्तराखंड आयुर्वेद विवि से कई बार किया पत्राचार, पर नहीं हुई कार्यवाही
हरिद्वार। ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय को स्वयं के इलाज की आवश्यकता है। अस्पताल में पिछले पांच वर्षों से रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती न होने के चलते अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं है। अल्ट्रासाउंड के साथ पिछले एक वर्ष से एक्सरे मशीन खराब पड़ी है। इसके अलावा अस्पताल की बिल्डिंग का खस्ताहाल हो रखा है। सभी स्थानों पर बिल्डिंग से बारिश का पानी चू रहा है। जिससे वहां उपचार कराने आए मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
ऋषिकुल स्थित 160 बेड के आयुर्वेदिक चिकित्सालय में सुविधाओं का टोटा है। अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट के अलावा सभी डाक्टर तैनात है, लेकिन पिछले पांच वर्षों से रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती न होने के चलते अस्पताल में अल्ट्रासाउंड तक नहीं हो पाया है। जिससे मरीजों को अल्ट्रासाउंड के लिए प्राइवेट अस्पतालों की ओर रूख करना पड़ता है। वहीं पिछले एक वर्ष से एक्सरे मशीन खराब होने के चलते अस्पताल में मरीजों के एक्सरे नहीं होते हैं। अस्पताल के खस्ताहाल सुधारने को लेकर उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय को कई बार पत्र लिखा गया, लेकिन इसके बाद भी कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई। अस्तपताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय गुप्ता ने बताया कि अल्ट्रासाउंड मशीन को रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती न होने के चलते सीएमओ कार्यालय की ओर से सील कर दिया गया था। उस दौरान अस्पताल में चिकित्सालय तैनात चिकित्सा अधीक्षक की ओर से अल्ट्रासाउंड मशीन किसी स्थान पर रखवा दी गई है। उन्होंने बताया कि हाल में ही उन्होंने अस्तपताल में तैनाती ली है। तैनाती के दौरान अल्ट्रासाउंड मशीन की कोई जानकारी नहीं दी गई है। चिकित्सा अधीक्षक अजय गुप्ता ने बताया कि रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती के लिए कई बार उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय का पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन इसके बाद कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई। जिसके चलते अस्पताल की व्यवस्थाएं पहले की तरह ही हैं।
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