कांग्रेस की रंजना कैसे जीतेंगी जंग, जब सुरेंद्र सिंह नहीं है संग
कोटद्वार। नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का मेयर पद प्रत्याशी रंजना रावत को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि जब पार्टी के वरिष्ठ नेता ही मेयर प्रत्याशी रंजना रावत के संग नहीं है, उनका विरोधी पार्टियों से चुनावी जंग जीतना आसान नहीं है।
नगर निकाय चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों का चुनाव प्रचार जोरों शोरों से चल रहा है। यहां तक कि मेयर पद के निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में उतरकर अपना प्रचार प्रसार जोरों-शोरों से कर रहे हैं।
जहां एक ओर भाजपा के कई दिग्गज नेता कोटद्वार चुनाव प्रचार के लिए पहुंच चुके हैं, वहीं कांग्रेस प्रत्याशी रंजना रावत के प्रचार में पार्टी के वरिष्ठ नेता और उनकी टीम का कोई भी कार्यकर्ता उनके साथ नहीं दिख रहा है। जिससे पार्टी में ही भीतरघात साफतौर पर दिख रहा है। यहां यह बता दें कि रंजना रावत कांग्रेस पार्टी की लंबे समय से सक्रिय सदस्य है और पार्टी के कई जिम्मेदार पदों पर रह चुकी हैं, उनकी कोटद्वार में अच्छी छवि है। अब देखना यह होगा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता चुनाव से पहले उनके साथ खड़े होंगे, या यह चुनावी जंग उन्हें अपने दम पर ही विजयी करनी होगी। हालांकि रंजना रावत को जनता के मिल रहे समर्थन से भाजपा मेयर पद प्रत्याशी की राह में भी मुश्किलें कम नहीं दिख रही हैं।
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