कोटद्वार में फर्राटे मारती ओवरलोड ट्रैक्टर ट्रालियों से ईंटों का खेल, चेकपोस्ट पर होती है दलालों की मौज, बैरियर पर सुबह तड़के चलता है पूरा खेल

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लगभग 50 ईंट व्यापारी शहर में रजिस्टर्ड, 100 से अधिक दलाल, रजिस्टर्ड व्यापारियों के लिए मुसीबत बनते जा रहे काल

खबर डोज, कोटद्वार। जनपद पौड़ी गढ़वाल का कोटद्वार शहर आए दिन किसी न किसी मामले को लेकर सुर्खियां बटोरता रहता है। अब शहर में ईंटों की बिक्री का खेल चलने लगा है। दलालों की दलाली के बाद रजिस्टर्ड ईंट व्यापारियों के सामने ईंट बिक्री का संकट खड़ा हो गया है। सूत्रों के मुताबिक यह खेल बैरियर पर खुलेआम चलता है। जिसके चलते कोटद्वार में रजिस्टर्ड व्यापारियों के स्थान पर दलाल मौज काट रहे हैं, जिससे व्यापार प्रभावित हो रहा है।

कोटद्वार में कैसे चलता है ईंटों का खेल
यूपी के कई जिलों के भट्टों से ईंट कोटद्वार ट्रैक्ट्रर ट्रालियों और ट्रकों के जरिए आती है। इन्हीं भट्टों से कोटद्वार शहर के रजिस्टर्ड व्यापारी और दलाल भी ईंट मंगाते हैं, लेकिन इन भट्टों से ईंट आने के बाद एक ही बाजार में इनके भाव अलग—अलग हो जाते हैं। सूत्र इसका प्रमुख कारण रजिस्टर्ड व्यापारी कोटद्वार के कुछ चेकपोस्टों पर प्राईवेट टैक्स बता रहे हैं। जिसके चलते व्यापार करने में व्यापारियों के सामने दिक्कतें आ रही हैं। सूत्रों के मुताबिक यह सारा खेल टैक्स चोरी के कारण चलता है। बिल समेत आने वाली ईंटों की गाड़ियों पर कोई टैक्स नहीं लिया जाता है, लेकिन अधिकतर गाड़ियां चेकपोस्ट पर मिलीभगत करके बिना बिल के ही कोटद्वार—भाबर जाती हैं, जिससे रजिस्टर्ड व्यापारियों और दलालों के रेटों में जमीन—आसमान का फर्क आ जाता है। इस खेल में जनता के सामने रजिस्टर्ड व्यापारी महंगा माना जाने लगता है।

कोटद्वार में शहर में कितने हैं रजिस्टर्ड ईंट व्यापारी
कोटद्वार में यूं तो लगभग 50 रजिस्टर्ड व्यापारी हैं, लेकिन इन रजिस्टर्ड व्यापारियों से अधिक संख्या दलालों की है, जो इस खेल को खुले में खेलते हैं। इस पूरे खेल में रजिस्टर्ड व्यापारी पिसता चला जाता है और व्यापार बढ़ने के बजाय घटता चला जा रहा है।

यूपी और उत्तराखंड का बार्डर चेकपोस्ट कोटद्वार
जनपद पौड़ी गढ़वाल का कोटद्वार शहर यूपी और उत्तराखंड बार्डर को जोड़ने वाला मुख्य द्वार है। यूपी से कोटद्वार आने वाली गाड़ियों के लिए चार चेक पोस्ट पड़ते है। पुलिस का कौड़िया चेकपोस्ट अक्सर सुर्खियों में रहता था, लेकिन जनपद में तेजतर्रार पुलिस कप्तानों की तैनातियों के बाद यह चेक पोस्ट भ्रष्टाचारमुक्त हो गया है। आरटीओ चेकपोस्ट की बात की जाए तो सिद्धबली महोत्सव के दौरान यह चेकपोस्ट लैंसडौन विधायक दलीप सिंह रावत के विरोध के बाद बंद कर दी गई थी। हालांकि काफी दिन बंद रहने के बाद अब चेकपोस्ट के स्थान पर सचल दल को तैनात कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक इन दोनों चेकपोस्टों की सुर्खियां खत्म होने के बाद अब एक अन्य बैरियर सुर्खियों में चल रहा है, जिसका सीधा—सीधा लिंक शहर के व्यापार से माना जाता है।

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