पौड़ी गढ़वाल में डॉक्टर से छीना ओपीडी कक्ष, डॉक्टर ने खुले मेें देखे मरीज

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पौड़ी। ओपीडी (वाह्य रोगी विभाग) कक्ष छिनने के बाद राजकीय उप जिला अस्पताल के आपातकालीन चिकित्सा विशेषज्ञ (ईएमएस) डॉ. अंकित गैरोला बाहर खुले में ही मरीजों का परीक्षण करने बैठ गए। डॉ. गैरोला का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन विशेषज्ञता होने के बावजूद उनके साथ पक्षपात कर रहा है।
डॉ. हेमापाल बुटोला, प्रभारी सीएमएस उप जिला अस्पताल श्रीनगर ने बताया कि डॉ. गैरोला ने आपातकालीन चिकित्सा विषय से डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड (डीएनबी) से पीजी किया है। अक्तूबर 2020 में उनकी उप जिला अस्पताल श्रीनगर में तैनाती हुई थी। वे पिछले एक साल से अस्पताल के ओपीडी कक्ष संख्या 10 में मरीजों को देख रहे थे। गत 13 दिसंबर को अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) ने कक्ष ईएनटी सर्जन को आवंटित करते हुए डॉ. गैरोला को वापस आकस्मिक विभाग में ड्यूटी देने के निर्देश दिए लेकिन वे सोमवार सुबह अचानक अस्पताल परिसर में खुले में बैंच में मरीजों को देखने लगे। उन्होंने बताया कि वे ओपीडी में लगातार मरीजों को देख रहे थे। प्रतिदिन उनके पास 80 से 100 मरीज आते हैं। ओपीडी में न बैठने की वजह से मरीज परेशान हो रहे थे। इसलिए वे बाहर बैठकर ओपीडी चला रहे हैं। उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है। 12-12 घंटे ड्यूटी करने को कहा जा रहा है। साथ ही आकस्मिक विभाग के समीप ओपीडी चलाने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि उनकी दक्षता आपातकालीन चिकित्सा की है लेकिन उनको एक साल पूर्व बोला गया कि उनको ओपीडी में मरीज देखने हैं। अब जब वह मरीज देख रहे थे तो अचानक से हटने को बोल दिया गया। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा ही परेशान किया गया, तो वह त्यागपत्र दे देंगे।
ओपीडी कक्ष कम हैं। नए ईएनटी सर्जन के ज्वाइन करने पर यह कक्ष उनको आवंटित कर दिया गया। डॉ. गैरोला पहले से आकस्मिक विभाग में काम कर रहे थे। इसलिए उनको वापस आकस्मिक विभाग में भेजते हुए वहीं ओपीडी चलाने को कहा गया।

डॉ. प्रवीण कुमार, सीएमओ पौड़ी ने बताया कि
डॉ. गैरोला की नियुक्ति आकस्मिक चिकित्साधिकारी के पद पर हुई है। उनको आकस्मिक विभाग में ही बैठना चाहिए। यदि उन्हें कोई दिक्कत थी तो पहले अपने उच्चाधिकारियों को बताते। अलबत्ता पौड़ी पहुंचने पर पूरी जानकारी ली जाएगी।

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