निकाय चुनाव में कोटद्वार, श्रीनगर, रुद्रपुर और काशीपुर सीट हुई सामान्य, हरिद्वार हुई महिला पिछड़ी जाति

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उत्तराखंड नगर निगम चुनाव में राज्य सरकार ने आरक्षण किया प्रस्तावित

पहली बार 11 में से दो नगर निगम में होंगे ओबीसी मेयर, आयोग की रिपोर्ट में सिफारिश


देहरादून। उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है। कई शहरों में सीटें सामान्य हो गई हैं। जबकि हरिद्वार सीट महिला पिछड़ी जाति प्रस्तावित हुई है।
शहरी विकास विभाग ने अनंतिम अधिसूचना जारी करते हुए देहरादून, कोटद्वार, रुद्रपुर, श्रीनगर, काशीपुर सामान्य प्रस्तावित है। जबकि हरिद्वार महिला पिछड़ीजाति प्रस्तावित है।

प्रदेश के नगर निकायों में पहली बार एकल सदस्यीय समर्पित आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ओबीसी का आरक्षण बदलने जा रहा है। इस रिपोर्ट को सरकार ने स्वीकार कर लिया है, जिसके हिसाब से प्रदेशभर में एक-दो दिन में आरक्षण की अनन्तिम अधिसूचनाएं जारी होंगी।

आयोग ने अपनी रिपोर्ट में प्रदेश के 11 नगर निगमों में से मेयर के दो पद ओबीसी करने की सिफारिश की है। बाकी आठ पद अनारक्षित, एक पद अनुसूचित जाति का होगा। नगर पालिकाओं में चेयरमैन के 45 में से 13 पद ओबीसी के होंगे। बाकी 25 पद अनारक्षित, छह पद अनुसूचित जाति और एक पद अनुसूचित जनजाति का होगा।

नगर पंचायतों में अध्यक्ष के 46 में से 16 पदों पर ओबीसी प्रत्याशी होंगे। 23 पद अनारक्षित होंगे। छह पदों पर अनुसूचित जाति और एक पद पर अनुसूचित जनजाति के प्रत्याशी होंगे।नगर निगम काशीपुर में ओबीसी के सबसे ज्यादा वार्ड रिपोर्ट के मुताबिक, नगर निगम काशीपुर में ओबीसी की सर्वाधिक 38.62 प्रतिशत आबादी को देखते हुए यहां 40 में से 15 वार्ड ओबीसी आरक्षित होंगे।

नगर निगम रुड़की में ओबीसी की आबादी 36.20 प्रतिशत देखते हुए यहां 40 में से 14 वार्ड ओबीसी के होंगे। नगर निगम हरिद्वार में ओबीसी की आबादी 20.90 को देखते हुए यहां 60 में से 13 वार्ड ओबीसी के होंगे। बाकी नगर निगम देहरादून में ओबीसी के 12, नगर निगम ऋषिकेश में चार, कोटद्वार में तीन, श्रीनगर में दो, रुद्रपुर में आठ, हल्द्वानी में 11, अल्मोड़ा में तीन और पिथौरागढ़ में दो वार्ड ओबीसी आरक्षित होंगे।

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