इंस्टिट्यूट इनोवेशन सेल,ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप प्रोग्राम में विभिन्न शीर्षकों पर आयोजित हुआ व्याख्यान

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श्रीनगर गढ़वाल। 1 जून से 26 जुलाई तक चल रहे आठ साप्ताहिक ग्रीष्मकालीन ऑनलाइन इंटर्नशिप प्रोग्राम के तहत इंस्टिट्यूट इनोवेशन सेल ,हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल उत्तराखंड द्वारा विभिन्न विषयों पर तीन व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के प्रथम मुख्य वक्ता हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय ,माइक्रोबायोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ विनीत कुमार मौर्या जी थे। इनके व्याख्यान का शीर्षक था संदर्भ उद्धरण एवं ग्रंथ सूची साथ ही माइक्रोसॉफ्ट वर्ड में रिसर्च वर्क का उपयोग ।इन्होंने अपने व्याख्यान में यह बताया कि रिसर्च पेपर में कैसे रिफरेंस व साइटेशन दिए जाते हैं ।साथ ही यह भी बताया कि ग्रंथसूची में कैसे डिटेल्स लिखे जाते हैं ।इन्होंने अपने व्याख्यान में यह भी बताया कि रिसर्च पेपर लिखते समय जो साइटेशन और रिफरेंस दिए जाते है उसको नए सॉफ्टवेयर टूल्स से प्रयोग करने चाहिए ना कि पुराने वर्जन से और साथ ही साथ जो रिसर्च पेपर लिखे जाते हैं उसका स्टाइल कैसे प्रयोग करते हैं यह भी बताया ।गूगल स्कॉलर के जरिए हम कैसे रिफरेंस साइटेशन को बढ़ा सकते हैं ,माइक्रोसॉफ्ट पर कैसे इसका प्रयोग करते हैं,इसको भी स्लाइड्स के माध्यम से समझाया। इसी क्रम में दूसरे मुख्य वक्ता डॉ विनीत कुमार साइंटिस्ट जी केमिस्ट्री एंड बायोप्रोस्पेक्टिंग डिवीजन ,एफ आर आई देहरादून के थे। इनके व्याख्यान का शीर्षक था विज्ञान परियोजना के लिए शोध प्रस्ताव लेखन। इन्होंने अपने व्याख्यान में यह बताया कि रिसर्च प्रपोजल कैसे लिखे जाते हैं, रिसर्च प्रपोजल के अर्थ को बहुत अच्छे से बताया। साथ ही रिसर्च प्रपोजल में उल्लेख किए जाने वाले समस्त बिंदुओं को भी अवगत कराया। इन्होंने अपने व्याख्यान में यह बताया की अगर रिसर्च समस्या को पहले ही ज्ञात कर लिया जाए तो हाइपोथेसिस लिखने में परेशानी नहीं होती है , रिसर्च प्रपोजल से संबंधित जो भी महत्वपूर्ण बिंदुवें हैं उसके महत्व को बताया ।लिटरेचर रिव्यू का क्या महत्व है इसको भी विस्तार से बताया ।रिसर्च प्रपोजल में बजट संबंधी प्रावधानों को भी अच्छे से उन्होंने अपने व्याख्यान में प्रस्तुत किया साथ ही साथ कोई रिसर्च प्रपोजल को फंड कैसे मिले इसके बारे में भी बता बताया । तथा या भी बताया कि कोई भी रिसर्च प्रपोजल ऐसा बनाएं जो वह समाज के लाभ के लिए हो ।तत्पश्चात इसी कार्यक्रम के तृतीय मुख्य वक्ता के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विख्यात मोटिवेशनल स्पीकर डॉक्टर अनिल कुमार गर्ग जी थे। इनके व्याख्यान का शीर्षक था स्ट्रेस मैनेजमेंट। इन्होंने अपने व्याख्यान में यह बताया कि तनाव जीवन की अंगों के लिए एक मनोवैज्ञानिक और शारीरिक प्रतिक्रिया है ।लंबे समय तक तनाव मानसिक और शारीरिक स्वास्थ पर असर डालता है अतः तनाव से कैसे दूर रहा जाए इसको प्रयोगात्मक तरीके से अपने व्याख्यान में बताया ।जीवन में कैसे तनावमुक्त रहें ,अच्छे भोजन ले, प्रतिदिन व्यायाम करें ,जल का पर्याप्त मात्रा में सेवन करें ,उचित मात्रा में पोषण पोषण आहार लें यह सभी बातों का उन्होंने अपने व्याख्यान में उल्लेख किया ।साथ ही प्रतिभागियों को यह सुझाव भी दिए की एकेडमिक कार्य के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ्य का भी ध्यान देना बहुत जरूरी होता है। ग्रीष्मकालीन ऑनलाइन प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे कई प्रतिभागियों ने भी अपने अपने प्रश्नो को मुख्य वताओं के समक्ष रखा। ।कार्यक्रम का संचालन आई आई सी की स्टूडेंट्स मेम्बर अक्षिता अग्रवाल द्वारा किया गया। अध्यक्षीय भाषण इंस्टीट्यूट इनोवेशन सेल के अध्यक्ष प्रोफेसर अतुल ध्यानी द्वारा दिया गया ।धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के संयोजक डॉ सुधीर कुमार चतुर्वेदी द्वारा दिया गया।इस कार्यक्रम में आई आई सी के उपाध्यक्ष डॉक्टर आलोक सागर गौतम, कार्यक्रम संयोजक प्रोफेसर वीणा जोशी, पर्यवेक्षक प्रोफेसर आर. यस. नेगी , प्रोफ़ेसर मंजू पांडे,डॉ आशुतोष गुप्ता,डॉ आलोक कुमार यादव,डॉ मनीषा निगम,डॉ स्वेता वर्मा आदि समस्त इन्टरशिप प्रोग्राम के पर्यवेक्षक तथा इंस्टिट्यूट इनोवेशन सेल के छात्र सदस्य अंशुल देवली ,निखिल,वीर प्रताप , संदीप सिंह रावत व ऑनलाइन ग्रीष्मकालीन प्रोग्राम में देश के विभिन्न राज्यों से पंजीकृत समस्त प्रतिभागी उपस्थित थे।

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