लापरवाही: मानसून सत्र शुरू होते ही लोनिवि दुगड्डा को आई मालन पुल का मलबा हटाने की याद
कोटद्वार। मालन पुल को क्षतिग्रस्त हुए साढ़े ग्यारह महीने हो गए। पुल के स्लैब हटाने के लिए लोनिवि और उसकी कार्यदायी एजेंसी को पुल के नीचे का मलबा हटाने की याद मानसून सत्र शुरू होने के बाद आ रही है।
सोमवार को हुई बारिश के बाद बाढ़ और बहाव तेज होने के डर से लोनिवि ने पुल के पास जमा मलबे और क्षतिग्रस्त पुल के स्लैब को तोड़कर हटाने का काम तेज कर दिया है। विभाग ने पुल के पास नदी को चैनलाइज करने का काम भी शुरू किया गया है, जिससे पुल को इस बरसात की बाढ़ से बचाया जा सके। क्षतिग्रस्त मालन पुल के एक स्लैब को सुरक्षित हटाने के बाद अब विभाग और उसकी कार्यदायी एजेंसी को बरसात में नदी के उफनाने का खतरा सता रहा है।
सोमवार की बारिश के बाद विभाग ने कार्यदायी एजेंसी को सबसे पहले नदी में टूटकर गिरे 25 मीटर लंबे और डबल लेन के स्लैब को तोड़कर उसका मलबा हटाने के निर्देश दिए हैं। अधिशासी अभियंता डीपी सिंह के मुताबिक तेज बहाव वाले भूभाग को चैनलाइज कर डायवर्ट किया जा रहा है। जल्द ही क्षतिग्रस्त 9 नंबर पिलर के ऊपर के स्लैब को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। अधिकारियों ने नदी के उफनाने के दौरान पुल के नीचे से बने वैकल्पिक मार्ग का उपयोग न करने की सलाह दी है।
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