अब भाजपा प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह का किसानों के कर्ज माफ न करने वाला विवादित बयान सोशल मीडिया पर हुआ वायरल

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सोशल मीडिया में वायरल हो रहा भाजपा प्रत्याशी का छह साल पुराना बयान
-सीएम रहते हुए दिया था किसानों का कर्ज माफ नहीं करने का विवादित बयान
-अब किसान बाहुल्य लोकसभा सीट पर अन्नदाताओं के बीच वोट मांगने पहुंच रहे पूर्व सीएम
-बयान को याद कर किसान पूछे रहे, जब सीएम रहते हुए किसानों कर्ज माफ नहीं करना था, अब क्यों आ रहे वोट मांगने
-15 जून 2017 को सीएम रहते हुए दिए गए बयान से चुनाव में हो रही भाजपा प्रत्याशी की हो रही किरकिरी

हरिद्वार। लोकसभा चुनाव में हरिद्वार संसदीय सीट पर कांग्रेस और भाजपा की कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। जिससे बाजी किसके हाथ में चली जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता है, लेकिन भाजपा प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत की ओर से सीएम बनने के कुछ ही समय बाद वर्ष 2017 में 15 जून को दिए गए किसानों का कर्ज नहीं होगा माफ का बयान सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है।
दरअसल, कांग्रेस के हाथों से छिनकर भाजपा की सरकार बनने के बाद किसान लगातार सरकार से कर्ज माफी की मांग कर रहे थे, क्योंकि किसानों को उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज पर कर्ज माफी होने की पूरी उम्मीद थी, लेकिन एक ही झटके में सीएम रहते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किसानों के सारे अरमानों पर पानी फेर दिया था। उन्होंने एक बयान में साफ कर दिया था कि किसानों का कर्ज माफ नहीं होगा, उनकी यह बात छह साल बाद भी सच साबित हो रही है। जबकि अब दूसरी सरकारी चल रही है और त्रिवेंद्र सिंह रावत के बाद दूसरे मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कमान संभाली, लेकिन वह भी सीएम की कुर्सी पर अधिक दिन नहीं टिक सके। अब पुष्कर सिंह धामी प्रदेश की कमान संभाले हुए हैं, लेकिन किसानों का कर्ज आज तक माफ नहीं हुआ है, जिससे त्रिवेंद्र रावत की बात आज छह साल बाद भी सच साबित हो रही है।
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ये दिया था 15 जून 2017 को त्रिवेंद्र ने बयान
सीएम का बयानः उत्तराखंड में किसानों का कर्ज नहीं होगा माफ

किसानों की कर्ज माफी के मुद्दे पर विधानसभा में विपक्ष के हंगामे के बाद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने साफ किया कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं है, लिहाजा सरकार किसानों का कर्ज माफ करने जैसा कोई ऐलान नहीं करेगी। किसानों को कम ब्याज दर पर ऋण जरूर उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए सरकार एलान कर चुकी है कि लघु और सीमांत किसानों को एक लाख रुपये तक का ऋण दो फीसदी ब्याज दर पर दिया जाएगा। किसानों को मार्केटिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। पूर्व में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी राज्य सरकारों को अपने संसाधनों से किसानों का कर्ज माफ करने के लिए कहा है, और प्रदेश की आर्थिक स्थिति ऐसे नहीं कि वह किसानों के कर्ज का बोझ उठा सके।

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