जीएमओयू कोटद्वार ने कंडी मार्ग को लेकर खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
कोटद्वार। रामनगर निवासी समाज सेवी पीसी जोशी के बाद अब जीएमओयू कंपनी ने भी बंद पड़े लालढांग – चिलरखाल – कोटद्वार – कालागढ़ – रामनगर मार्ग (कंडी मार्ग) के मामले में सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप आवेदन दाखिल कर दिया है। सोमवार को इस पर सुनवाई होनी है।
शुक्रवार को कंपनी संचालक मंडल की बैठक में इस मामले की जानकारी देते हुए कंपनी के अध्यक्ष जीत सिंह पटवाल की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक में बताया कि हाल के वर्षों तक सार्वजनिक वाहनों के लिए संचालन के लिए खुले कंडी मार्ग मामले में रामनगर के समाजसेवी पीसी जोशी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दाखिल की गई है। जो विचाराधीन है। अब कोटद्वार क्षेत्र के हितों को देखते हुए जीएमओयू की ओर से भी सुप्रीम कोर्ट की शरण ली गई है।
जिससे राज्य सरकार से सशक्त पैरवी कराने के लिए सक्षम अधिवक्ता नियुक्त करने की मांग की गई है। महाप्रबंधक उषा सजवाण के मुताबिक कंपनी ने अन्य मामलों में बदरीनाथ और केदारनाथ धाम यात्रा को वापसी में पौड़ी-कोटद्वार रूट से संचालित करने और इसी तरह गंगोत्री, यमनोत्री से यात्रा शुरू कर बदरी- केदार यात्रा की वापसी कोटद्वार से होते हुए हरिद्वार ऋषिकेश के लिए कराने की मांग की है।
कहा कि चारधाम यात्रा का वापसी का मार्ग कोटद्वार से होने पर यात्री पौड़ी, लैंसडौन होते हुए कोटद्वार में सिद्धबली मंदिर, कण्वाश्रम समेत राजाजी नेशनल पार्क का दीदार कर सकेंगे। सतपुली – व्यासघाट – देवप्रयाग मार्ग का चौड़ीकरण कर डबल लेन बनाने की मांग की गई है।
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