जिस माँ ने पढ़ा-लिखाकर बनाया दरोगा, उसी माँ को छोड़ा, पुलिस ने दरोगा को बुलाकर लगाई क्लास

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जिस 90 वर्षीय मां ने पढ़ा लिखाकर एक बेटे को इंजीनियर बनाया और दूसरे बेटे को पुलिस में दारोगा बनाया। आज वही मां वसुंधरा के सेक्टर एक घर में चार साल से अकेली रह रहीं थी। सुबह शाम केवल घरेलू सहायिका दरवाजा खोलती थी, लेकिन शनिवार को बुजुर्ग चारपाई से गिर गई और उनके चोट लग गई। इसके विरोध में आरडब्ल्यूए की पदाधिकारी रिचा त्यागी लोगों के साथ धरने पर बैठ गई।
इस पूरे मामले की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने बुजुर्ग महिला के दारोगा बेटे को बुलाया और फटकार लगाकर मां को उनके साथ भेज दिया। जानकारी के अनुसार, 90 वर्षीय बुजुर्ग महिला अपने पति के निधन के बाद से अकेली रह रहीं थी।
बुजुर्ग के पति दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल थे, उनका का एक बेटा दिल्ली पुलिस ने सब इंस्पेक्टर है और वह मयूर विहार दिल्ली में रहता है। जबकि दूसरा बेटा इंजीनियर है और वह नोएडा में रहता है। बुजुर्ग की दो शादीशुदा बेटियां है।
वसुंधरा सेक्टर एक की आरडब्ल्यूए पदाधिकारी ऋचा त्यागी ने बताया कि बुजुर्ग शनिवार सुबह घर के अंदर गिर गई थीं। जब वह उनके घर के आगे से गुजर रही थीं तो अंदर से दर्द से कराहने की आवाज आई। उन्होंने बुजुर्ग को उठाकर चारपाई पर लिटाया।

उनके इंजीनियर बेटे को फोन कर इसके बारे में बताया तो उसने आने से मना कर दिया। इसके बाद दारोगा बेटे को फोन किया तो उसने भी आने में आनाकानी की। लोगों ने मौके पर वृद्धाश्रम वालों को बुला लिया गया। सूचना पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। जब दोनों भाइयों ने आने से इनकार किया तो आरडब्ल्यूए के पदाधिकारी पड़ोसियों के साथ घर के बाहर धरने पर बैठ गए।
गाजियाबाद के पुलिस अधिकारियों ने फटकार लगाकर दारोगा बेटे को बुलाया, आने के बाद दारोगा अपनी मां के साथ ले जाने के लिए तैयार नहीं हुआ। पुलिस ने कार्रवाई करने और पड़ोसियों के दबाव के चलते वह अपनी मां को अपने साथ लेकर चला गया।

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