हाईकोर्ट के निर्णय के बाद मंगलौर विधानसभा के उपचुनाव का रास्ता साफ
हरिद्वार। हाईकोर्ट के निर्णय के बाद मंगलौरव विधानसभाफ सीयया है। हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को मंगलौर विधानसभा सीट पर चुनाव कराने के आदेश दिए हैं। पूर्व कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने हाईकोर्ट में याचिका को वापस लेने के लिए अर्जी लगाई थी, जिसे बृहस्पतिवार को हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।
मंगलौर विस से चुनाव हार के बाद कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन ने पूर्व विधायक सरवत करीम अंसारी की पात्रता को लेकर हाईकोर्ट में रिट दायर की थी, जिसकी लंबे समय तक हाईकोर्ट में सुनवाई चलती रही। करीब पांच महीने पहले बसपा विधायक हाजी सरवत करीम अंसारी का निधन हो गया था। इसके बाद याचिकाकर्ता काजी निजामुद्दीन ने हाईकोर्ट में याचिका वापस लेने के लिए अर्जी लगाई थी, जिस पर 19 मार्च को सुनवाई होनी थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने 21 मार्च की तिथि तय की थी। बृहस्पतिवार को हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के बाद काजी निजामुद्दीन की याचिका वापस लेने की अर्जी को स्वीकार करते हुए मंगलौर सीट पर उप चुनाव का रास्ता साफ कर दिया। उपचुनाव को लेकर मंगलौर में अभी तक असमंजस की स्थिति बनी थी। अब चुनाव आयोग पर निगाहें टिकी हैं कि वह उपचुनाव को लोकसभा के साथ कराता है या फिर काजी निजामुद्दीन ने बताया कि नवंबर में बसपा विधायक सरवत करीम अंसारी के निधन के बाद ही हाईकोर्ट में याचिका को वापस लेने के लिए अर्जी लगा दी थी, लेकिन अभी तक सुनवाई चलती रही। जिस कारण लोकसभा के साथ मंगलौर विधानसभा उपचुनाव की घोषणा नहीं हो पाई। अब हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को वापस लेने के लिए लगाई गई, अर्जी को स्वीकार करते हुए चुनाव का रास्ता साफ कर दिया है। चुनाव आयोग को चाहिए कि लोस के साथ ही मंगलौर विधानसभा में उपचुनाव कराया जाए।
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