महार जाति के परिवारों को विलुप्ति की कगार पर पहुँचाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग

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-अखिल भारतीय कश्यप निषाद युवा मोर्चा ने उठाई मांग
-राज्यपाल उत्तराखंड और जिलाधिकारी हरिद्वार को भेजा पत्र
हरिद्वार। अखिल भारतीय कश्यप निषाद युवा मोर्चा ने बाबा भीमराव अंबेडकर की महार जाति के परिवारों को विलुप्ति की कगार पर पहुँचाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है।
सोमवार को मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुधाकर सिंह कश्यप ने पत्रकारों से मुखातिब होते हुए कहा कि वर्ष 1891 में ब्रिटिश हुकूमत के दौरान महार परिवार की जनगणना करायी गई। जिसमें जनगणना के दौरान पूर्व जनपद देहरादून हाल जनपद हरिद्वार में महार परिवार के लोगों की संख्या 1581 दर्शाई गई। महिलाओं की संख्या 395 है। जिनका कुल योग 1976 होता है। जिन परिवारों को काफी तलाशा गया, लेकिन पूर्ण रूप से नहीं मिल पाये है। जिसके पश्चात वर्ष 2011 में सरकार की ओर से जनगणना कराई जाती हैं। उसमें जनगणना अधिकारी, राजस्व लेखपाल, ग्राम पंचायत सचिव की ओर से बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की महार जाति पूर्ण रुप से विलुप्त कर दी गई। जिसके संबंध में महार समाज के पंचायत में उपस्थित जन समूह का अनुरोध है। उपरोक्त साक्ष्यों को दृष्टिगत रखते हुए राजस्व अधिकारी ग्राम पंचायत सचिव, संबंधित अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करें, गुम हुए परिवारों के लोगों को पुलिस और राजस्व विभाग की ओर से बरामद कराए जाने की मांग की। पत्रकार वार्ता में राष्ट्रीय महासचिव बलराम महार समेत मोर्चा के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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