पहले एक कार्यक्रम में बांटे थे बीकानेर के मकोड़े वाले रसगुल्ले, कार्रवाई शून्य, अब स्कूली बच्चों को बांटे गए एक्सपायरी चिप्स, वीडियो वायरल के बाद कार्रवाई का इंतजार

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हरिद्वार में स्कूली बच्चों को बांटे गए एक्सपायरी चिप्स, कार्यक्रम में मचा हड़कंप

खबर डोज, हरिद्वार। नशा मुक्त भारत अभियान की पांचवीं वर्षगांठ पर आयोजित एक बड़ा कार्यक्रम लापरवाही की भेंट चढ़ गया। ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज में आयोजित इस कार्यक्रम में निजी स्कूलों के सैकड़ों बच्चों को एक्सपायरी डेट वाले चिप्स बांट दिए गए, जिसके बाद अभिभावकों से लेकर स्थानीय लोगों में गहरी नाराजगी है।

कार्यक्रम में शहर के विभिन्न स्कूलों के करीब पांच सौ से अधिक बच्चे शामिल हुए थे। मंच पर जिला विकास अधिकारी (सीडीओ) ललित नारायण मिश्रा, नगर मेयर किरण जैसल, नगर विधायक मदन कौशिक सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे, लेकिन अधिकारियों की मौजूदगी में ही बच्चों को हानिकारक वियोचित (एक्सपायरी) खाद्य पदार्थ वितरित कर दिए गए।

एक्सपायरी चिप्स मिलते ही हड़कंप
कार्यक्रम के दौरान जैसे ही कुछ शिक्षकों और अभिभावकों को पैकेट पर लिखी एक्सपायरी डेट दिखी, तो अफरा-तफरी का माहौल बन गया। आनन-फानन में सभी पैकेट बच्चों से वापस लिए गए, लेकिन तब तक कई बच्चे ये चिप्स खा चुके थे।

सूत्रों के अनुसार, इन चिप्स के पैकेट सिडकुल क्षेत्र की एक यूनिट से मंगाए गए थे। कई पैकेट पर एक्सपायरी डेट 30 अक्टूबर दर्शाई गई थी, यानी कार्यक्रम की तारीख तक ये उत्पाद उपभोग के योग्य नहीं थे।

जिला प्रोबेशन अधिकारी अविनाश भदौरिया ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि मामले की जांच कराई जा रही है। एक्सपायरी वाले पैकेट बच्चों से तुरंत वापस ले लिए गए थे, जबकि अन्य पैकेट वितरित नहीं किए गए।

घटना के बाद यह भी आरोप लगे कि मौके पर मौजूद कुछ वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित पत्रकारों को मामला उजागर न करने की नसीहत देते दिखे। इसके बावजूद पत्रकारों ने स्थिति का वीडियो बना लिया, जिसे बाद में सोशल मीडिया पर डाल दिया गया।

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद विभाग हरकत में आया और तत्काल जांच के आदेश जारी किए गए।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इतने बड़े कार्यक्रम में बच्चों को एक्सपायरी खाद्य सामग्री वितरित करना गंभीर लापरवाही है। यदि किसी बच्चे की तबीयत बिगड़ती, तो जिम्मेदार कौन होता?

अभिभावकों ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी जताते हुए दूध के दांत वाले बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वालों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।

मामले को लेकर शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन अब दबाव में है कि दोषियों की पहचान कर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए।

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