खोह नदी में फिर होगी मलबे की सफाई, महिला खनन कारोबारी ने लगाई सर्वाधिक बोली

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-खोह नदी में बरसात से पहले शुरु होगा काम, तहसील सभागार में हुई खुली नीलामी
कोटद्वार। विगत वर्ष खोह नदी में आई बाढ़ के बाद प्रशासन की ओर से खोह नदी में जमा मलबे, आरबीएम, सिल्ट की बरसात से पूर्व सफाई के लिए बृहस्पतिवार को तहसील सभागार में टेंडर की प्रक्रिया की गई।

इसके तहत खोह नदी में चिह्नित दो लॉटों की खुली बोली लगाई गई। इससे खोह नदी के तटीय इलाकों में जहां बरसात में बाढ़ का खतरा कम होगा। वहीं प्रदेश सरकार को 1.77 करोड़ का राजस्व भी प्राप्त होगा।

एसडीएम सोहन सिंह सैनी ने बताया कि आपदा अधिनियम 2005 के तहत भूमि कटाव एवं जानमाल की सुरक्षा के लिए रिवर ड्रेजिंग नीति 2021 संशोधित 2024 के प्रावधानों के तहत खोह में जमा मलबा, आरबीएम (रिवर बेड मेटेरियल) और सिल्ट की सफाई के लिए नदी में दो लॉट चिह्नित किए गए थे।

सिद्धबली पुल और ग्रास्टनगंज पुल के बीच कुल 2.402 हेक्टेयर के पहले लॉट के लिए 20 राउंड की बोली लगाई गई। जिसमें खनन कारोबारी रश्मि जखमोला ने सबसे अधिक 1.40 करोड़ की बोली लगाई।
बोली में 7 खनन कारोबारियों और उनके प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। वहीं, ग्रास्टनगंज पुल और गाड़ीघाट पुल के बीच कुल 1.990 हेक्टेयर के दूसरे लॉट के लिए चार राउंड की बोली लगाई गई, जिसमें खनन कारोबारी गुरुप्रीत सिंह ने सबसे अधिक 37 लाख की बोली लगाई। बोली में 6 खनन कारोबारियों ने भाग लिया। निविदा में पारदर्शिता बरतने के लिए निविदा स्थल की वीडियोग्राफी कराई गई। उन्होंने बताया कि अनुज्ञा की अवधि 30 जून अथवा मलबा निकासी की मात्रा तक जो पहले पूर्ण हो होगी, निर्धारित की गई है। टेंडर की प्रक्रिया के लिए सुबह से ही हरिद्वार, रुड़की के साथ ही स्थानीय खनन कारोबारी तहसील में जुटे रहे। इस मौके पर एसडीएम के अलावा समिति के सदस्य एटीओ मैत्री धूलिया, एएई सिंचाई सिंटू कुमार, तहसीलदार साक्षी उपाध्याय, लैंसडौन वन प्रभाग की एसडीओ पूजा पयाल, जिला खान अधिकारी रवि नेगी मौजूद रहे।

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