मनसा देवी मंदिर हादसे पर सरकार के खिलाफ एक्टिव हुई कांग्रेस, असली मौत का आंकड़ा छुपाने का लगाया आरोप

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हरिद्वार। बीते रोज मनसा देवी मंदिर में हुई भगदड़ की घटना ने पूरे हरि‌द्वार को शोक और आक्रोश से भर दिया है। यह हादसा न केवल एक मानवीय त्रासदी है, बल्कि सरकार और प्रशासन की लापरवाही का जीता जागता सबूत भी है। इस हादसे में अब तक 8 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। अब कांग्रेस ने इस मामले को लेकर सरकार और खुफिया विभाग को कटघरे में खड़ा कर दिया है। साथ ही जिम्मेदारों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग उठाई है। कांग्रेस ने इस हादसे में मृतकों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है।

प्रेस क्लब सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में कांग्रेस महानगर अध्यक्ष अमन गर्ग ने कहा कि मृतकों की संख्या को छुपाया जा रहा है, कई श्रद्धालु अभी भी गंभीर रूप से घायल हैं। अस्पतालों में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। हरि‌द्वार महानगर कांग्रेस कमेटी दिवंगत आत्माओं के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती है। यह घटना पूरी तरह से प्रशासन की असफलता और सरकार की लापरवाही का परिणाम है। श्रवण मास शिवरात्रि के बाद का प्रथम शनिवार और रविवार हरिद्वार में अधिक भीड़ का समय होता है। यह बात हर वर्ष प्रशासन को ज्ञात रहती है, फिर भी कोई पुख्ता तैयारी नहीं की गई। प्रदेश में पंचायत चुनाव के मद्देनजर पुलिसकर्मियों की चुनाव में ड्यूटी लगाई गई हैं। पर्याप्त पुलिस बल होता तो शायद कल इस घटना को रोका जा सकता था। भीड नियंत्रण के मानकों को इस बार पूरी तरह से नजर अंदाज किया गया है। सीढ़ी वाले रास्ते को भीड़ बढ़ने पर हमेशा वन-वे कर दिया जाता है, लेकिन कल दोनों ओर से आवाजाही चालू रखी गई, जिससे अफरा-तफरी मच गई। हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने सबसे पहले रेस्क्यू कार्य शुरू किया, जबकि पुलिस को घटनास्थल तक पहुंचने में 20 मिनट का समय लग गया, जिससे कई जानें बचाई नहीं जा सकी। जब प्रशासन मौके पर देर से पहुंचा, तब स्थानीय निवासियों ने रेस्क्यू और बचाव कार्य में सहयोग दिया। स्थानीय लोगों के साथ मिलकर सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने कई श्रद्धालुओं की जान बचाने में अहम योगदान दिया। सरकार मौत का सही आंकड़ा छुपा रही है। स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों से बात करने पर स्पष्ट है कि सरकार असली मौत का आंकड़ा छुपा रही है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि मृतकों की संख्या सरकार के आंकड़ा ज्यादा हो सकती है, लेकिन प्रशासन सच्चाई सामने नहीं ला रहा। उन्होंने हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में इस पूरे मामले की न्यायिक जांच कराने, हादसे के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई किए जाने, मृतकों के परिजनों को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा देने, हरिद्वार और अन्य धार्मिक स्थलों के लिए भीड़ प्रबंधन की स्थायी एवं ठोस नीति बनाई जाए, मृतकों की वास्तविक संख्या सार्वजनिक की जाए, हादसे की पूरी सच्चाई जनता के सामने लाए जाने की मांग की है।

पत्रकार वार्ता में मुरली मनोहर, संतोष चौहान, वरुण बलियान, मनोज सैनी, राम यश सिंह, दीपक टंडन, पूर्व पार्षद राजीव भार्गव आदि मौजूद रहे।

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