रूह अफजा को जोड़ा शरबत जिहाद से, बाबा रामदेव के बयान के बाद नया विवाद शुरू

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हरिद्वार। योग गुरु बाबा रामदेव ने रूह अफजा को ‘शरबत जिहाद’ से जोड़ कर एक नया विवाद पैदा कर दिया है। बाबा रामदेव ने दावा किया कि इससे होने वाली कमाई मदरसे और मस्जिद बनाने में जाती है। जबकि हमदर्द 1948 में एक गैर लाभकारी ट्रस्ट बन गया था। कंपनी का सारा मुनाफा हमदर्द फाउंडेशन को जाता है।

योग गुरु बाबा रामदेव ने एक पेय पदार्थ को कथित धार्मिक फंडिंग से जोड़कर विवाद पैदा कर दिया है। बाबा रामदेव ने दावा किया कि एक खास कंपनी शरबत बेचती है, लेकिन उससे होने वाली कमाई का इस्तेमाल मदरसे और मस्जिद बनाने में किया जाता है। उन्होंने पतंजलि के गुलाब शरबत का प्रचार करते हुए यह बात कही, रामदेव ने आरोप लगाया कि “एक कंपनी है जो आपको शरबत देती है, लेकिन इससे होने वाली कमाई का इस्तेमाल मदरसे और मस्जिद बनाने में किया जाता है। अगर आप वह शरबत पीते हैं, तो मदरसे और मस्जिद बनेंगे, लेकिन अगर आप यह (पतंजलि के गुलाब शरबत का जिक्र करते हुए) पीते हैं, तो गुरुकुल बनेंगे, आचार्य कुलम विकसित होगा, पतंजलि विश्वविद्यालय का विस्तार होगा और भारतीय शिक्षा पद्धति का विकास होगा।

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