पौड़ी पुलिस ने दिल्ली में छुपे धोखाधड़ी करने वाले पांच हजार के ईनामी को किया गिरफ्तार
– न्यायालय को कर रहा था गुमराह, फर्जी दस्तावेज तैयार कर जीवित व्यक्ति को किया था मृत घोषित
–वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी श्वेता चौबे के निर्देशन में धोखाधड़ी के विरूद्ध पौड़ी पुलिस ने ऑपरेशन प्रहार के तहत की एक ओर बड़ी कार्यवाही
कोटद्वार। शनिवार को पौड़ी जिले की कोटद्वार पुलिस ने दिल्ली में छुपे धोखाधड़ी करने वाले पांच हजार के ईनामी को गिरफ्तार किया है। फर्जी दस्तावेज तैयार कर जीवित को मृत घोषित करने वाला आरोपी न्यायालय को काफी लंबे समय से गुमराह कर रहा था। एसएसपी पौड़ी श्वेता चौबे के निर्देशन में धोखाधड़ी के विरूद्ध पौड़ी पुलिस ने ऑपरेशन प्रहार के तहत की एक ओर बड़ी कार्यवाही की है।
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक मनी भूषण श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले वर्ष 14 अक्टूबर को शीला देवी निवासी झंडीचौड़ पूर्वी कोटद्वार जनपद पौड़ी गढ़वाल ने कोतवाली कोटद्वार में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमेें उन्होंने बताया कि पुरुषोत्तम अपने आप को वादिनी के भाई सतीश पाल सिंह उर्फ सत्यपाल का पुत्र बताता है। वादिनी के भाई सतीश पाल सिंह उर्फ सत्यपाल को झूठे एवं बनावटी तौर पर वर्ष 1998 से लापता बताते हुए न्यायालय में पुरुषोत्तम बनाम सतीशपाल के नाम से वाद दायर करते हुए न्यायालय के समक्ष झूठे दस्तावेज प्रस्तुत किए थे। जिसमें न्यायालय को गुमराह करते हुए वादिनी के भाई के जीवित रहते हुये उसे मृत घोषित कर दिया। बताया कि मेरा भाई सतीशपाल अभी जीवित हैँ। स्वस्थ है, जो मेरे साथ ही रहता है। वादिनी के भाई ने वर्ष 2009 से वर्ष 2015 के मध्य समय-समय पर अपनी भूमि क्रय और विक्रय की हैं। जिससे स्पष्ट है कि वादिनी का भाई लापता नहीं है और पूर्वी इण्डीचौड़ कोटद्वार में निवास करता चला आ रहा है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर कोतवाली कोटद्वार में संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया।
पुलिस टीम ने मुखबिरों की सूचना पर 10 मई को अभियुक्त सुनील, पुरुषोत्तम, पुष्पा देवी और 20 मई को अभियुक्त महेंद्र एवं यतेंद्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। मामले में अभियुक्त सुरेश चंद्र काफी समय से फरार चल रहा था। फरार अभियुक्त की गिरफ्तारी को लेकर संभावित ठिकानों पर लगातार दबिशें दी जा रही थी, परंतु शातिर किस्म का अपराधी होने के कारण अभियुक्त पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ रहा था। फरार अभियुक्त सुरेश चंद्र की जल्द गिरफ्तारी किए जाने को लेकर एसएसपी श्वेता चौबे ने पांच हजार का ईनाम घोषित किया था। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक मनी भूषण श्रीवास्तव ने बताया कि धोखाधड़ी की घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस टीम का गठन किया गया। पुलिस टीम सर्विलांस की मदद से कई दिन तक दिल्ली में ही डेरा डाले हुई थी। जिसमें पुलिस ने रविवार को अभियुक्त पूर्वी झंडीचौड़ कलालघाटी निवासी सुरेश चंद्र पुत्र सोहन लाल को मुकुंदपुर बोराड़ी दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने अभियुक्त को न्यायालय के समक्ष पेश कर न्यायिक हिरासत मे जेल भेज दिया है। पुलिस टीम में कलालघाटी चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक दिनेश कुमार, कांस्टेबल आदित्य, हरीश लाल शामिल रहे।
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