लापरवाही बरतने पर चार दरोगा समेत 10 सस्पेंड, इन पर हुई कार्रवाई

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-मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद वन विभाग ने की सख्त कार्रवाई

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर वन विभाग ने जंगल की आग रोकने में लापरवाही बरतने पर चार वन दरोगा समेत 10 वन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया। दो वन क्षेत्राधिकारियों (रेंजर) को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए, जबकि पांच कर्मचारियों को संबद्ध (अटैच) कर दिया गया है। कुछ अन्य कर्मचारियों के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई जल्द होगी।

सभी कार्यक्रम रद्द कर देहरादून पहुंचकर मुख्यमंत्री ने बुधवार को वनाग्नि की स्थिति और उस पर काबू पाने के लिए अब तक उठाए गए कदमों की समीक्षा की। उन्होंने सख्त रुख दिखाते हुए लापरवाही बरतने पर एक्शन लेने और आग लगाने वाले अराजक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने ताकीद किया कि वनाग्नि पर पूरी तरह से काबू पाने के लिए सभी सचिवों को अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी दी जाए।

उन्होंने कहा, सभी सचिव वनाग्नि प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण करें और वनाग्नि को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएं। फायर लाइन बनाने की कार्रवाई में उन्होंने जनप्रतिनिधियों को भी शामिल करने का सुझाव दिया। रुद्रप्रयाग में वह फायर लाइन बनाने के अभियान में शामिल हुए। बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, सीएस राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु समेत विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष एवं वर्चुअल माध्यम से सभी डीएम उपस्थित थे।

■ इन कर्मचारियों पर हुई कार्रवाई
10 सस्पेंड : वन दरोगा, मनोज उनियाल, (केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग, गोपेश्वर), बद्री सिंह विलवाल, (नैनीताल प्रभाग), हरीश सिंह मेहरा, (केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग) और प्रहलाद सिंह गोनिया (सिविल सोयम, अल्मोड़ा) वन आरक्षी रवींद्र सिंह और विनय कुमार छिंद्रे (लैंसडौन प्रभाग), कृपाल गिरी गोस्वामी व शंकर सिंह (चंपावत वन प्रभाग), सूरत सिंह रावत, वाहन चालक (उत्तरकाशी वन प्रभाग), प्रमोद कुमार रतूड़ी का. सहायक (टिहरी वन प्रभाग)
02 कारण बताओ नोटिस वन क्षेत्राधिकारी विपिन चंद्र जोशी (लैंसडौन वन प्रभाग और प्रदीप कुमार गौड़ (केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग)। 04 संबद्ध : वन क्षेत्राधिकारी गोपाल दत्त जोशी (अल्मोड़ा वन प्रभाग), वन दरोगा पूरनचंद्र आर्या और संदीप सूठा, वन आरक्षी महेश चंद्र आर्या (तराई पूर्वी वन प्रभाग) और नरेंद्र सिंह बिष्ट (सिविल सोयम अल्मोड़ा) ।

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