पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा ने छोड़ी कांग्रेस, पढ़िए, इस्तीफे में क्या बोली
देहरादून। मनीष खंडूडी के बाद पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस अध्यक्ष को सम्बोधित पत्र में लक्ष्मी राणा ने कहा कि कठिन समय में कांग्रेस पार्टी ने उनका साथ नहीं दिया। वे 27 साल से कांग्रेस से जुड़ी थी।
पढिये पूरा इस्तीफा
प्रेषित,
सम्मानित प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस कमेटी उत्तराखण्ड
विषय: कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदयस्ता से त्याग पत्र देने के संदर्भ में।
महोदय,
मैं सन् 1998 में उत्तर प्रदेश युवा कांग्रेस की प्रदेश महामंत्री रही। 1997 से 2001 तक कांग्रेर पार्टी से ब्लॉक प्रमुख जखोली रही। 2002 से 2007 तक उपभोगता फॉर्म की सदस्य (राज्यमंत्री) रही। 2014 से 2019 तक कांग्रेस पार्टी से जिला पंचायत अध्यक्ष रुद्रप्रयाग रही। 2017 में रुद्रप्रयाग विधानसभा से कॉंग्रेस प्रत्याशी रही। 2018 से अब तक कांग्रेस पार्टी की प्रदेश महामंत्री हूँ।
आपको विदित होगा हाल ही में मेरे घर और प्रतिष्ठान पर राजनीतिक द्वेष के चलते ईडी की छापेमारी हुई। हालांकि मैं जानती हूँ ये एक कानूनी प्रक्रिया है, किंतु पार्टी की तरफ से मेरे खिलाफ हुए इस राजीनीतिक द्वेष के बारे में न कोई प्रतिक्रिया आई न ही किसी ने मुझे इस दुःख की घड़ी में कोई ढांढस बंधाया।
मैंने अपने जीवन के 27 साल से ज्यादा समय कांग्रेस परिवार की मजबूती के लिए कार्य किया। मैने उत्तराखंड के दूर-दराज के पहाड़ी जिलों में हजारों महिलाओं और युवाओं को रात दिन मेहनत करके पार्टी में जोड़ने प्रयास किया। मैने मेरे जीवन का महत्वपूर्ण समय अपने, कांग्रेस परिवार की मजबूती के लिए समर्पित किया, किंतु आज मेरे कठिन समय में मेरे कांग्रेस परिवार के किसी भी जिम्मेदार पदाधिकारी ने मेरा साथ नहीं दिया। बहुत चिंतन करने के बाद मैंने अत्यंत आहत होकर दुखी मन से निर्णय लिया कि जिस कांग्रेस परिवार के सुख-दुख में मैंने अपना जीवन खपाया, उस कांग्रेस पार्टी में रहने का कोई औचित्य नही है। इसलिए मैं आज दुखी मन से कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे रही हूं।
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