होम डिलीवरी: धर्मनगरी में अवैध शराब का कारोबार दे रहा है पुलिस को चुनौती

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शराब की होम डिलीवरी के साथ स्मैक, चरस और जिस्मफिरोशी का धंधा जोरों पर
-माफियाओं में खत्म होता जा रहा है पुलिस का डर
-खन्ना नगर, पुराना रानीपुर डेयरी, कनखल बाड़ा, भगत सिंह चौक, टिबड़ी, ललतारो पुल, रोडीबेलवाला और खड़खड़ी हैं मुख्य स्थान


वैभव भाटिया, गौरव रसिक, हरिद्वार।  धर्मनगरी अवैध शराब का कारोबार लगातार पुलिस को चुनौती दे रहा है। शराब माफियाओं में पुलिस का डर का समाप्त होता जा रहा है। शराब माफिया बैखोफ होकर एक फोन पर ही शराब अपने ग्राहक पर पहुंचा रहे हैं। शराब की होम डिलीवरी के साथ-साथ यह माफिया स्मैक, नशीले इंजेक्शन और जिस्मफिरोशी का कार्य भी कर रहे हैं। पुलिस भले ही नशे के खिलाफ जनजागरूकता अभियान और माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही कर रही है, लेकिन पुलिस के हाथ बड़ी मछलियों से काफी दूर हैं।
सूत्रों के मुताबिक धर्मनगरी के मुख्य स्थान ललतारो पुल, रोडीबेलवाला, खड़खड़ी, टिबड़ी, भगत सिंह चौक, कनखल बाड़ा, खन्ना नगर और पुराना रानीपुर स्थित डेयरी पर अवैध शराब की बिक्री जोरों-शोरों से होती है। यहीं नहीं किसी को यदि घर बैठे-बैठे शराब चाहिए तो वह एक फोन पर ही शराब की डिलीवरी कर देता हैं। उत्तराखंड में धर्मनगरी हरिद्वार आस्था की नगरी है। यहां पूरे देश-विदेश से लोग पर्यटक और श्रद्धालु बड़ी आस्था के साथ आते हैं, लेकिन शराब माफिया धर्मनगरी से लोगों की जुड़ी आस्था का मजाक उड़ा रहे हैं। पुलिस भले ही समय-समय पर छोटे माफियाओं पर कार्यवाही कर अपने कार्यों की इतिश्री कर लेती है, लेकिन बड़े माफियाओं तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंच पा रहे हैं। शराब की होम डिलीवरी के साथ-साथ यह माफिया स्मैक, चरस, नशीले इंजेक्शन और जिस्म फिरोशी का कार्य भी आसानी से कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक श्यामपुर कांगड़ी और जगजीतपुर स्थित शराब की दुकान से सुबह से ही स्कूटी में अवैध शराब की तस्करी शुरू हो जाती है। शहर के कोने-कोने में हो रही अवैध शराब की बिक्री के खिलाफ समाजसेवियों ने कई बार शिकायत की, लेकिन इसके बाद भी कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई। अवैध शराब की बिक्री पर रोक लगाने का दावा करने वाला आबकारी विभाग भी चेन की नींद सोया हुआ है। पंचायत चुनाव के दौरान पथरी में हुए शराबकांड के दौरान एक साथ हुई कई मौतों के बाद आबकारी मुख्यालय की ओर से कार्यवाही करते हुए तत्काल आबकारी विभाग हरिद्वार के कई अधिकारियों को संस्पेंड कर दिया गया था। जिसके बाद सभी नए अधिकारियों को हरिद्वार में तैनात किया। नई तैनाती के बाद आबकारी विभाग ने शहर से लेकर देहात तक कार्यवाही कर शहर से लेकर देहात तक अवैध शराब माफियाओं की कमर तोड़कर रख दी थी, लेकिन मामला ठंडा होने के साथ-साथ आबकारी विभाग के नई टीम भी ठंडी पड़ गई।  

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